अधिगम के चरण और श्रेणी क्रम या गेने का अधिगम श्रेणी क्रम

 अधिगम प्रक्रिया के चरण-----. 
                      अधिगम प्रक्रिया के निम्नलिखित चार चरण हैं
1- आवश्यकता अथवा प्रयोजन -(need for purpose)-- अधिगम की प्रक्रिया में सर्वप्रथम आवश्यकता अथवा प्रयोजन या प्रेरक उत्पन्न होती है आवश्यकता वह शारीरिक शक्ति है जो व्यक्ति को उसकी पूर्ति के लिए क्रियाशील बना देती है।
2 लक्ष्य(goal)-  आवश्यकता   लक्ष्य उन मुखी होती है जो व्यक्ति को एक लक्ष्य प्राप्त कर लेने तक क्रियाशील बनाए रखती है लक्ष्य बोध के अभाव में अधिगम की प्रक्रिया प्रभावशाली नहीं होती है
3- समायोजन (adjustment)- व्यक्ति लक्ष्य प्राप्त करने हेतु अनेक प्रकार की परिस्थितियों के साथ समायोजन स्थापित करता है वह बाधा भेजने के लिए विभिन्न प्रयास करता है जिन प्रयासों के द्वारा वह बाधा को भेद लेता है सफल प्रयास कहलाते हैं एवं अन्य प्रयास असफल कहलाते हैं
4- परिवर्तन(change)- अधिगम की प्रक्रिया से व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है जो व्यवहार पहले से भिन्न होता है यही परिवर्तन ही अधिगम कहलाता है एवं इसे सबलीकरण की प्रक्रिया कहते हैं।
  अधिगम का श्रेणी क्रम-गेने ने अधिगम के आठ श्रेणी क्रम बताया जो निम्नलिखित है---
1- सांकेतिक अधिगम( signal learning)- संकेतिक अधिगम को अनुकूलन के रूप में समझा जा सकता है बालों के प्रयोग में जिस प्रकार से घंटी के उद्दीपन के द्वारा लार का स्राव की अनुक्रिया अनुबंधित कर दी जाती है उसके बाद से घंटी के एक संकेत के द्वारा ही अधिगम घटित हो जाता है।
2- उद्दीपन अनुक्रिया अधिगम -( stimulus response learning)  इस श्रेणी में  बालक के  द्वारा अनेक गलत अनु क्रियाओं के बाद एक सही अनुक्रिया का संबंध उद्दीपक के द्वारा स्थापित कर लिया जाता है जिससे कि अधिगम की प्रक्रिया संपादित हो जाती है इसका  मुख्य उदाहरण थार्नडाइक का उद्दीपन अनुक्रिया का प्रयोग है।
3- शाब्दिक साहचर्य अधिगम-( verbal Association learning)-  इस क्रम के द्वारा बालक सांकेतिक अधिगम को किसी शब्द के द्वारा जोड़कर साहचर्य स्थापित करता है जिस प्रकार बालक किसी बिल्ली को पहली बार देख कर केवल  1 जानवर के रूप में पहचान करता है परंतु शाब्दिक  साहचर्य अधिगम के द्वारा बालक उस जानवर  को बिल्ली के रूप में पहचान करने लगता है।
4- श्रृंखला अधिगम(chin learning)- श्रृंखला अधिगम -अनुक्रिया में अलग अलग उद्दीपन -अनुक्रिया के मध्य संयोजन है इस प्रकार के अधिगम में उद्दीपन अनुक्रिया के मध्य संबंध स्थापित हो कर एक श्रृंखला सी बन जाती है।
5-विभेदन अधिगम( discrimination learning)- इसके अंतर्गत बालक भिन्न-भिन्न उद्दीपन ओं के प्रति अनुकूल से भिन्न-भिन्न स्पष्ट अनुक्रिया करना सीख जाता है अर्थात एक जैसे दिखने वाले चीजों के मध्य विभद करना सीख जाता है।
6- संप्रत्यय अधिगम( concept learning)- यह अधिगम श्रेणी अधिगम या विभेदन अधिगम पर आधारित होता है । इसमे बालक किसी श्रेणी के साथ विभेद करना सीख जाता है।

7-नियम अधिगम(rule learning)- इस अधिगम को महासम्प्रत्य भी कहते है। इस प्रकार के अधिगम में दो या अधिक संप्रत्ययों को श्रृंखलाबद्ध किया जाता है।
8-समस्या- समाधान अधिगम-(problem solving learning)- समस्या समाधान में बालक पूर्व में सीखे गए नियमों का संयोग ढूढ़ता है और उसका उपयोग नई समस्या के हल को प्राप्त करने में करता है।

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